इसमें भी अध्रुवित प्रकाश की ही तरह सममिति का गुण होता है।
2.
अत: इसमें भी अध्रुवित प्रकाश की ही तरह सममिति का गुण होता है।
3.
अंशध्रुवित अथवा अध्रुवित प्रकाश से इस क्रिया द्वारा समतल ध्रुवित प्रकाश प्राप्त नहीं हो सकता, क्योंकि अंशध्रुवित प्रकाश अध्रुवि तथा समतल ध्रुवित प्रकाश का मिश्रण होता है और अध्रुवित प्रकाश का टूरमैलीन द्वार लोप कभी भी नहीं हो सकता।
4.
अंशध्रुवित अथवा अध्रुवित प्रकाश से इस क्रिया द्वारा समतल ध्रुवित प्रकाश प्राप्त नहीं हो सकता, क्योंकि अंशध्रुवित प्रकाश अध्रुवि तथा समतल ध्रुवित प्रकाश का मिश्रण होता है और अध्रुवित प्रकाश का टूरमैलीन द्वार लोप कभी भी नहीं हो सकता।
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अंशध्रुवित अथवा अध्रुवित प्रकाश से इस क्रिया द्वारा समतल ध्रुवित प्रकाश प्राप्त नहीं हो सकता, क्योंकि अंशध्रुवित प्रकाश अध्रुवि तथा समतल ध्रुवित प्रकाश का मिश्रण होता है और अध्रुवित प्रकाश का टूरमैलीन द्वार लोप कभी भी नहीं हो सकता।
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अंशध्रुवित अथवा अध्रुवित प्रकाश से इस क्रिया द्वारा समतल ध्रुवित प्रकाश प्राप्त नहीं हो सकता, क्योंकि अंशध्रुवित प्रकाश अध्रुवि तथा समतल ध्रुवित प्रकाश का मिश्रण होता है और अध्रुवित प्रकाश का टूरमैलीन द्वार लोप कभी भी नहीं हो सकता।
7.
किंतु साधारण अध्रुवित प्रकाश में कंपनों की आकृति अथवा दिश क्षण-क्षण में निरंतर बदलती रहती है, अत: जब वह टूरमैलीन में से निकलता है तब ध्रुवित प्रकाश की तीव्रता भी बदलती तो रहती है परंतु उसका औसत मान टूरमैलीन की प्रत्येक स्थिति में बराबर रहता है और यही हमें दिखाई देता है।
8.
किंतु साधारण अध्रुवित प्रकाश में कंपनों की आकृति अथवा दिश क्षण-क्षण में निरंतर बदलती रहती है, अत: जब वह टूरमैलीन में से निकलता है तब ध्रुवित प्रकाश की तीव्रता भी बदलती तो रहती है परंतु उसका औसत मान टूरमैलीन की प्रत्येक स्थिति में बराबर रहता है और यही हमें दिखाई देता है।